भारतीय रेलवे के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ने वाला है। देश की पहली बुलेट ट्रेन सेवा, जो मुंबई और अहमदाबाद को जोड़ेगी, अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में इस प्रोजेक्ट की प्रगति को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। यह प्रोजेक्ट न सिर्फ भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि यात्रियों के लिए समय की भारी बचत करेगा।
प्रोजेक्ट का ओवरव्यू
मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल (MAHSR) प्रोजेक्ट, जिसे आमतौर पर बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के नाम से जाना जाता है, 508 किलोमीटर लंबा है। यह मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) से शुरू होकर गुजरात के वापी, सूरत, वडोदरा और अहमदाबाद होते हुए साबरमती तक जाएगा। इस रूट पर कुल 12 स्टेशन होंगे, जिनमें से 8 गुजरात में और 4 महाराष्ट्र में स्थित हैं। ट्रेन की अधिकतम स्पीड 320 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी, जो मौजूदा ट्रेनों की तुलना में कहीं ज्यादा तेज है। इसकी मदद से मुंबई से अहमदाबाद का सफर महज 2 घंटे 7 मिनट में पूरा हो जाएगा, जबकि अभी इस रूट पर यात्रा में 6-7 घंटे लगते हैं।
प्रोजेक्ट की वर्तमान स्थिति
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रोजेक्ट पर काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, "हमारी टीम लगातार इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही है और हमें उम्मीद है कि गुजरात का वापी-साबरमती सेक्शन दिसंबर 2027 तक पूरा हो जाएगा। पूरा प्रोजेक्ट दिसंबर 2029 तक चालू होने की उम्मीद है।" उन्होंने यह भी बताया कि यह प्रोजेक्ट टेक्नोलॉजी के मामले में बेहद जटिल है, लेकिन भारतीय इंजीनियर्स और टेक्नीशियन्स ने इस चुनौती को बखूबी स्वीकार किया है।
फंडिंग और टेक्नोलॉजी
इस प्रोजेक्ट की कुल लागत ₹1,08,000 करोड़ आंकी गई है। इसमें से 81% फंडिंग जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) द्वारा प्रदान की जा रही है, जो लगभग ₹88,000 करोड़ के बराबर है। यह प्रोजेक्ट जापान की शिंकानसेन टेक्नोलॉजी पर आधारित है, जो दुनिया की सबसे सुरक्षित और तेज हाई-स्पीड रेल प्रणालियों में से एक मानी जाती है। भारतीय कंपनी BEML लिमिटेड को इस प्रोजेक्ट के लिए दो हाई-स्पीड ट्रेन सेट्स बनाने का ठेका दिया गया है। प्रत्येक कोच की कीमत ₹27.86 करोड़ है और पूरे कॉन्ट्रैक्ट की वैल्यू ₹866.87 करोड़ है।
यात्रियों के लिए फायदे
इस बुलेट ट्रेन सेवा के शुरू होने से यात्रियों को कई फायदे होंगे। सबसे बड़ा फायदा तो समय की बचत का होगा। मुंबई और अहमदाबाद के बीच का सफर अब कुछ ही घंटों में पूरा हो जाएगा, जिससे बिजनेस और पर्यटन दोनों सेक्टर्स को फायदा होगा। इसके अलावा, ट्रेन में यात्रियों के लिए आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जिनमें स्पीड वाई-फाई, इलेक्ट्रिक आउटलेट्स और कंफर्टेबल सीटिंग शामिल हैं।
चुनौतियां और आगे की राह
हालांकि, इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में कई चुनौतियां भी हैं। भूमि अधिग्रहण और पर्यावरणीय मुद्दों को लेकर कुछ विवाद रहे हैं। इसके अलावा, प्रोजेक्ट की जटिलता और नई टेक्नोलॉजी को भारतीय परिस्थितियों में लागू करना भी एक बड़ी चुनौती है। लेकिन रेल मंत्रालय का कहना है कि वे इन चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है। यह न सिर्फ यात्रा के समय को कम करेगा, बल्कि देश में हाई-स्पीड रेल नेटवर्क के विस्तार की नींव भी रखेगा। अगर सबकुछ योजना के अनुसार रहा, तो भारत जल्द ही उन देशों की सूची में शामिल हो जाएगा, जहां बुलेट ट्रेन सेवा उपलब्ध है। यात्रियों के लिए यह एक बड़ी राहत होगी और देश के विकास में भी यह प्रोजेक्ट अहम भूमिका निभाएगा।
Source-cnbctv18
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