श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर के पास सुरक्षा बलों को एक बड़ी कामयाबी मिली है। ऑपरेशन महादेव के तहत हुई मुठभेड़ में तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों को मार गिराया गया, जिनमें दो 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में शामिल थे। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की निर्मम हत्या की गई थी।
इस मुठभेड़ की खास बात यह रही कि संसद में जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बोल रहे थे, उसी समय यह ऑपरेशन अंजाम दिया गया।
मारा गया हमले का मास्टरमाइंड
सुरक्षा सूत्रों के मुताबिक, लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी सुलेमान शाह की पहचान उस हमले के मास्टरमाइंड के रूप में हुई है। सुलेमान, जिसे हाशिम मूसा के नाम से भी जाना जाता था, पाकिस्तानी सेना का पूर्व सदस्य था। मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों में उसकी भी पुष्टि हुई है। पहलगाम हमले के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर 20 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।
अन्य दो आतंकवादी भी ढेर
इस ऑपरेशन में अबू हमजा और यासिर नामक दो और आतंकवादी भी मारे गए हैं। सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि यासिर भी पहलगाम हमले में शामिल था।
यह संयुक्त अभियान भारतीय सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के सहयोग से चलाया गया।
ऐसे चला ऑपरेशन
भारतीय सेना की चिनार कोर ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि श्रीनगर के हरवान इलाके के मुलनार क्षेत्र में आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया सूचना के आधार पर ऑपरेशन महादेव शुरू किया गया।
मुठभेड़ के दौरान तीनों आतंकियों को मार गिराया गया, हालांकि सुरक्षा बलों का सर्च ऑपरेशन अभी जारी है। बताया जा रहा है कि मारे गए सभी आतंकी "उच्च-मूल्य के लक्ष्य" थे।
हथियारों का बड़ा जखीरा बरामद
एनडीटीवी को मिली तस्वीरों में आतंकियों के जंगल के अंदर स्थित ठिकाने में कई हथियार साफ देखे जा सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार, मुठभेड़ स्थल से
- कार्बाइन और AK-47 राइफलें,
- 17 राइफल ग्रेनेड,
- और अन्य हथियार व भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किए गए हैं।
बड़ी साजिश की आशंका
सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि ये आतंकी जम्मू-कश्मीर में किसी बड़ी आतंकी कार्रवाई की साजिश रच रहे थे, जिसे समय रहते नाकाम कर दिया गया।
इस मुठभेड़ को सुरक्षाबलों की एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है, खासकर ऐसे समय में जब केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में अमन और स्थिरता लाने के प्रयास तेज़ कर रही है।
Post a Comment